150+karan gautam shayari collection|| करन गौतम शायरी कलेक्शन

दिन क्यूँ ढलता है रात क्यूँ आती है, मेरी जुबान पर उसकी बात क्यूँ आती है| और बात प्यार मोहब्बत शादी तक हो तो सही है,न जाने मोहब्बत के बीच ये जात क्यूँ आती है  ज़माने के ताने पसंद आने लगे है, दर्द भरे गाने पसंद आने लगे है | नए रिश्तों को तो आजमा…

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