trending 100+heart touching shayari 2023

 उनकी सोहबत में गए दोबारा टूटे हम एक सख्स को दे देके सहारा टूटे ये अजब रश्म है बिल्कुल ना समझ आई हमें प्यार भी हम ही करे दिल भी हमारा टूटे की ये फैसला था खुद का या साज़िस थी जमाने की दूर हम तुम से उतना ही हो गए  जितना कोशिश की थी…

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100 +लव शायरी

जिंदगी खूबसूरत है क्योंकि  मेरे दिल में सिर्फ तेरी मूरत है  दिल न कर रंज की  आ काश पुकारा होता है  जो नसीब में न था  कैसे हमारा होता  हम कुछ यूं उलझ से गए हैं  तुम्हारी बातों में  की नींद भी नही आती है  अब तो रातों में  अगर नही हो नासीब में तो…

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karan gautam shayari|| karan gautam lyrics

 टूट कर एक आशिक शोरत से भी टूट गया  लगता है जो अब ठेला सड़को पर  पता चले तुम्हें इश्क़ की तड़प का एहसास हो  आंखो में कुछ आँसू और मेरे लौट आने की आस हो  वहीं आस जिसके सहारे मैंने इतना वक़्त गुजारा है  वहीं दर्द जिसने मेरे हर नज़्म  को निखारा है  वहीं…

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यहीं अपनी कहानी थी मियां पहले बहुत पहले ,वो लड़की जान हमारी थी मियां पहले बहुत पहले

 यही अपनी कहानी थी मियां पहले बहुत पहले वो लड़की जान हमारी थी मियां पहले बहुत पहले रकीब आ कर बताते है यहाँ तिल है वहाँ तिल है ये हमको जानकारी थी मियां पहले बहुत पहले 

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राधा को कृष्ण की देह मिली बिन देह के नेह निभा गयी मीरा

 राधा को कृष्ण की देह मिली बिन देह के नेह निभा गयी मीरा,बृजभूमि में राधा ने रास रचा मरोभूमि में कुंज खिला गयी मीरा. कृष्ण ने द्वापर मे राधा को गाया तो कलयुग में कृष्ण को गा गयी मीरा और कृष्ण के प्रेम का राधा पे कर्ज था राधा का कर्ज चुका गयी मीरा   …

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100+ दर्द भरी शायरी ||गलत फहमी में रह जाने का सदमा कुछ नही

तेरे  रोने की खबर रखतीहै आंखे मेरी  तेरा आँसू मेरे रुमाल में आ जाे शराबियों के लिए में खाना बनाऊँगा में  उसकी गली में मेकअप की दुकान बनाऊँगा में  सिंगल लड़कों का दर्द मुझसे देखा नही जाता  अब भाभियाँ पटाने की दवा बनाऊँगा में  करोगे याद उस गुजरे जमाने को  तरस जाओगे हमारे साथ एक…

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पहाड़ों से इक आवाज़ आई थी ये कहानी दादी ने सुनाई थी

 पहाड़ों से इक आवाज़ आई थी ये कहानी दादी ने सुनाई थी एक परी रहती थी बादलों में एक लड़का गिना जाता था पागलों में कहता था बादलों से कोई आने वाला है जमीन पर उतार कर मेरी साँसों में सामने वाला है उसे बिना देखे ईझर करता हूँ कहता था की में उसे खुद…

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इक बाज़ार लगा मोहब्बत का

इक बाज़ार लगा मोहब्बत का  सोदे बाज़ी जोरों की हुई  किसी को मिला खरीद दार अच्छा  अपनी यारी चोरों से हुई  हमको हुमिन से चुराया उसने  अपना करी खास बातया उसने  लकीरे इन हाथों से फिसल गयी   वक़्त बदला तो वो भी बादल गयी  जिस दिन बिछड़े मर जाऊँगी कहा करती थी  नफरत ही नहीं…

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