हमारी गलतियों से कहीं टूट न जाना,हमारी शरारत से कहीं रूठ न जाना.तम्हारी चाहत ही हमारी ज़िंदगी है, इस से बंधन को भूल न जाना
shubhamz.in
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हमारी गलतियों से कहीं टूट न जाना,हमारी शरारत से कहीं रूठ न जाना.तम्हारी चाहत ही हमारी ज़िंदगी है, इस से बंधन को भूल न जाना