मुश्कुराऔ मगर इशारा नही करना, किसी घर के लड़के को आवारा नही करना. मजाक को मोहब्बत बनने मे देर नही लगती, सुनो ये मजाक दोबारा नहीं करना

           

 मुश्कुराऔ मगर इशारा नही करना, किसी घर के लड़के को आवारा नही करना. मजाक को मोहब्बत बनने मे देर नही लगती, सुनो ये मजाक दोबारा नहीं करना

किताब सादा रहेगी कब तक कभी तो ख्वाबेबाब होगा जिन्होंने बस्ती उजाड़ डाली कभी तो उनका हिसाब होगा

 एक रोज बदलती मशूका से इश्क़ किया था पागल ने, अब हर रोज बदलती है मशूका दौर बदल दिया बादल ने 

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