न तेरा हमसे जी भरता ,न ये फास्ले होते. कभी कभी तो सोचता हूँ काश हम तुमसे मिले न होते

 न तेरा हमसे जी भरता ,न ये फास्ले होते. कभी कभी तो सोचता हूँ काश हम तुमसे मिले न होते

 

है आज तेरी हुकूमत तो डर गया हूँ मैं, ये तेरा बहम है इसका इलाज कुछ भी नहीं. तू बादशाह अगर है तो में कलंदर हूँ, मेरी नज़र में तेरे तख्तोताज कुछ भी नहीं

जो ये मंदी का जमाना है गुजर जाने दे, फिर पता चलेगा तुझे मेरी कीमत क्या है

Shubham Bharti

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शुभम भारती है में पिछले 3 सालों से ब्लोगिंग का काम कर रहा हु में शायरी के प्रति रूचि है इसलिए में आप सबको भी शायरी व् quote से एंटरटेन करना चाहता हूँ

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