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अपने बोलने चलने का ढग बदल सकते हैं,जिसको में पसंद नहीं हूँ संग बदल सकते है. होली आ रही है बम्फर ऑफर है, जो भी दोगले हैं अपना रंग बदल सकते है 

दिल जो लगता हुआ लगता है किधर लगता है ,अब तो इजहारे मोहब्बत से भी डर लगता है .सब की मोजूदगी में सेर सुना देना तुम ,और फिर देखना ये तीर किधर लगता है 

   ऐंठ जाती है गर्दन तन के चलने लगते है ,बात बात पर अपना सुर बदलने लगते है.एक दिन खुदा उनको मुह के बल गिरता है चार पैसा आते ही उछलने लगते है 

मोहब्बतों की महफ़िल से मुह मोड़ लिया हमने ,तेरी यादों की जंजीरो को भी तोड़ दिया हमने.बर्बाद हुए और वापस गाँव आ बसे ,तेरे बाद दिल्ली को भी छोड़ दिया हमने 

हम बात करे दलीलों से तो रद्द होती है ,उनके ओठों की खामोसी भी सनद होती है .कुछ न कहने से छीन जाता अह्सासे सुखन,जुल्म सहने भी जालिम की मदद होती है 

दिखावे के लिए हम से वफादारी ना कि जाए,मोहब्बत है तो है वर्ना अदाकारी न की जाए 

 समझ के उसके आया तो होगा ,बिछड़ कर हमसे पछताया तो होगा ,जो रंग मैंने उसके लिए चुना था ,किसी ने उसे पहनाया तो होगा 

यहाँ किसी को भी छोटा मत समझो साहब ,कई दफा दुक्की से इक्के मर जाते है  

हाथ जैसे ही ओ मेरा यार पकड़ेगा ,वक़्त देख लेना रफ़्तार पकड़ेगा 

 उसको चाहा भी तो इजहार न करना आया,कट गयी उम्र मगर प्यार न करना आया.उसने माँगा तो हमसे जुदाई मांगी ,और हम थे की हम को इनकार आया 

कभी तो मिल पहली मुलाक़ात की तरह ,बिगड़ा ही क्यूँ रहता है हालात की तरह ,वो एक सख्स जो लगे मुझे जान से भी प्यारा ,वक़्त तो देता है मगर खैरात की तरह .

एक चेहरे से उतरती नाकाबे कितनी ,लोग कितने हमें इक सख्स में मिल जाते है.वक़्त बदलेगा तो इस में पूंछूगा उससे ,तुम बदलते हो क्यूँ लोग बदल जाते हैं 

सब जिनके लिए झोलियाँ फैलाए हुए हैं,वो रंग मेरी आँख के ठुकराए हुए हैं.इक तुम हो की सोहरत की हवास ही नहीं जाती,इक हम हैं जो हर शौर से उकताए हुए है 

इश्क को गुरूर मान ले या फिर अदाए यार,की गुफ्तगू के सारे सलीके बदल गए .और जिस दिन से बताया तु सब से ख़ास है,उस दिन से उसके तौर तरीके बदल गए.

हमको रोजी खींच लायी शहर के शेहराव में, फूल, तितली और लड़की रह गए सब गाँव में .दौलत के सफ़र में याद आता  है वो पल, जब हमने अपना दिल निकाल के रखा था किसी के पाँव में 

मुश्किल जिसकी यादों को  भुलाना हो गया है, उसका चेहरा भी मेरी आँखों में पुराना हो गया है, एक वक़्त था की घंटो तक बातें हुआ करती थी,अब तो उसकी आवाज़ सुने भी ज़माना हो गया है 

Shubham Bharti

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शुभम भारती है में पिछले 3 सालों से ब्लोगिंग का काम कर रहा हु में शायरी के प्रति रूचि है इसलिए में आप सबको भी शायरी व् quote से एंटरटेन करना चाहता हूँ

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