सोंच समझकर मेरे काम में टांग अड़ाया करो.. में बर्दाश्त करने से लेकर बर्बाद करने तक का हौसला रखता हूँ
आदमी दुख मे काम आना चाहिए, खुशी में तो हिजड़े भी नाचने आ जाते हैं
दिल से बहुत अच्छे है हम, लेकिन दिमाग की कोई गारंटी नहीं, बहुत जल्दी खराब हो जाता है
दहाड़ की छोड़ बेटे हमारे तो खामोशी का भी कहर है
जब तक रास्ते समझ में आते हैं तब तक लौटने का वक़्त हो जाता है
ताश का जोकर और अपनो की ठोकर हमेशा बाज़ी पलट देते हैं
इज्जत बहुत महंगी चीज है इसकी उम्मीद घटिया लोगों से न करे
बदनाम तो बहुत हैं हम जमाने में मेरी जनाब,ये बताओ तुम्हारे सुनने में कौन सा किस्सा है
लगता है उतरना पड़ेगा महफ़िल में कुछ लोग हल्के में लेने लगे हैं
बुरे को सलाम अच्छे को परेशान वाह रे हरामी इंसान
मुझे समझने के लिए दिल का इस्तेमाल करो दिमाग लगाओगे तो हैंग हो जाओगे
बहुत सुधर गया हूँ में अब अच्छे लोगों से दूर रहता हूँ
लोग कहते हैं इतना घमंड है तेरे में मैंने भी कह दिया गुलामी हमे आती नही और अकड़ हमारी जाती नही
कुछ जरूरते हमने बदल दी, कुछ जरूरतों ने हमे बदल दिया