सीधा साधा दिखता हूँ
मेरा रोल बादल जाएगा
जिस दिन जिद्द पे आ गया
माहौल बादल जाएगा
मंजिल तो मिल जाने दो
जवाब भी देंगे हिसाब भी करेंगे
अब वही होगा जो दिल चाहेगा
आगे जो होगा देखा जाएगा
हम मोज में
दुनिया सोंच में
बिगाड़ना तो पड़ेगा ही मेरी जान
क्योंकि जैसे दुनिया वैसे हम
थोड़ा भाईचारा भी बना लो मेरे भाई
अर्थी पे छोरी कोनया जया करती
इज्ज़त दोगे तो इज्ज़त पाओगे
औकात दिखाओगे तो मेरा कुछ उंखाड़ नही पाओगे
डरोगे तो लोग और डराएंगे
हिम्मत तो करो बड़े सिर झुकाएँगे
उलझने से परहेज करें
सरीफ़ खानदान के बिगड़े चिराग हैं हम
अकेले चलना सीखे
क्योंकि सहारा प्यार और यार
कितना भी सच्चा हो
एक न एक दिन
अपनी औकात दिखा ही देते हैं
पिता की दौलत पे क्या घमंड करना मजा तो तब है
जब दौलत अपनी हो और घमंड पिता करे
भाव हम देते नही और अकड़ हम सहते नही
किसी को कुछ देने के लिए हैसियत नही नियत होनी चाहिए