जिंदगी खूबसूरत है क्योंकि 

मेरे दिल में सिर्फ तेरी मूरत है 

दिल न कर रंज की 

आ काश पुकारा होता है 

जो नसीब में न था

 कैसे हमारा होता 

हम कुछ यूं उलझ से गए हैं 

तुम्हारी बातों में 

की नींद भी नही आती है 

अब तो रातों में 

अगर नही हो नासीब में

तो आदत भी मत बनो 

कभी न कबूल होने वाली 

इबादत भी मत बनो 

कोरे कागज पर अपने जज़्बात लिखता हु 

समझ लो इसे कहानी तुम में तो अपने हालत लिखता हूँ 

ये तेरे इश्क़ का जादू या मुझे नशा हो गया है 

तेरे सिवा हर शख्स डुंधला सा हो गया है 

आखिर क्या थी मजबूरी तेरी जो तूने रास्ता मोड लिया 

बरसों पुराना बनाया हुआ रिस्ता एक पल में तोड़ लिया 

छूया भी नही और कमाल हो गया 

जरा हसने पर हमारे बवाल हो गया 

फिर न कहना की हमें फुर्सत नही थी 

हम तो आए पर शायद तुम्हें जरूरत नही थी 

उस रात कुछ यूं हुई थी बरसात

 हर बूंद में बहे थे मेरे जज़्बात 

मुझसे तुमसे मोहब्बत हो गई है 

ये दुनिया खूबसूरत हो गयी है 

खुदा से रोज तुम्हें मांगता हूँ 

मेरी चाहत मेरी इबादत हो गयी है 

चाँद को घमंड है की उसके पास नूर है 

अब में उसे कैसे समझाऊँ मेरे पास कोहिनूर है 

नजरों को तेरे प्यार से इंकार नही है 

अब मुझे किसी और का इंतज़ार नही है 

आँसू भरी कहानी है 

दुनिया उनकी दीवानी है 

हम दीदार करके दूरी से 

वो आंखे बड़ी रूहानी है 

टूटेजो जोरों से वो बारिश कहाँ से लाऊं 

कोण मेरी न हुई तुम दिल को कैसे बहलाऊँ 

वक़्त बादल जाएगा 

जो आज है कल न आएगा 

इससे पहले हुम भीड़ में खो जाये 

आओ इक दूजे के हो जाएँ 

बीति बातों यादों में इस दूरी की सौगातों में 

लम्हा लम्हा तुमको जीती हूँ हर रोज अधूरी रातों में 

पन्नो में लिखे किस्से

 किस्से में लिखे में तुम

 पढ़ती हूँ यूं तुमको

  हर पल में तुम हूँ गुम 

करोगे याद उस  गुजरे जमाने को 

तरस जाओगे हमारे साथ एक पल बिताने को 

फिर आवाज़ दोगे हमे वापस बुलाने को 

हम कहेंगे दरवाजा नही है कबर से बाहर आने को 

दूध का धौला कोई नही 

सबको बारीकी से जांच लेना 

बेशक कह लो तुम बेवफा हमको 

पर पहले अपने अंदर झांक लेना 

खुद पर शर्म भी हम करेंगे 

खुद पर नाज़ भी हम करेंगे 

और जिनको हम से दिक्कत है 

उनका इलाज़ भी हम करेंगे 

थोड़ा लिखा और ज्यादा छोड़ दिया 

आने वालों के लिए रास्ता छोड़ दिया

 तुम क्या जानो उस दरिया पे क्या गुजरी 

तुमने तो बस पनि भर्ना छोड़ दिया 

मेरी दिल की मजबूरीयों को इल्जाम न दें 

मुझे याद तो कर बेशक मेरा नाम न लें 

ये तेरा बहम है की में तुझे भूल जाऊँ 

मेरी ऐसी कोई सांस नही जो तेरा नाम न लें 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back To Top