INTRODUCTION:- ये आज के समय के मशहूर शायरों में से एक हैं जिन्होंने अपने शायरी और साहित्यिक कला से आज के युवाओ के दिलों पे राज किया है इनकी शायरी में लगभग अपने साथी (प्रेमी) के बारे में कहा गया है
में उसकू समझ आया हूँ दुनिया समझ आने के बाद ,वो मेरा नाम लिखता है इक नाम मिटने के बाद.खुसी ये है में उसके लिया सबसे पहले हु,गम ये है किसी के जाने के बाद
लोग तो लोग है लोगों की तरह देखते हैं, एक हम है जो उसे बच्चों की तरह देखते है. हमको दुनिया ने लकडहारा समझ रखा है, हम तो पेड़ों को परिंदों की तरह देखते हैं
तुम तो फिर गैर हो तुम से तो शिकायत कैसी, मेरे अपने मुझे गेरों की तरह देखते हैं. और तेरा दीदार क़ज़ा होता नही है हमसे , हम तुझे देखने वालों की तरह देखते हैं.
उसने दो चार कर दिया मुझको,जैनी बीमार कर दिया मुझको.क्यों नही दर्तरस्त में मेरे तू ,क्यों तलबगार कर दिया मुझको .उससे कोई सवाल न करना,उसने इनकार कर दिया मुझको.
मेरे हालत चाहे जो भी थे तेरे खातिर कभी कमी रखी हमने तुझकोभुलाने के खातिर कैसे कैसो से दोस्ती रखी, मेरा बर्बाद होना बनता था सबसे पहले तेरी खुशी रखी
गया जो तू तभी से खोया गया है मेरी किस्म्मत का एक टूटा सितारा,मर है कौन आखिर बिन किसी के सो हम भी कर ही लेंगे अब गुजारा
पहले से बढ़के मोहब्बत है मुझे तुझसे अब, क्यों यकीन तुझको मेरी जान नही होता है, कब कहा की तू मोहब्बत नही करता है, तेरे होने मुझे मान नही होता है
दिल की हालात संभल गयी है,याद आगे निकल गयी है अब.कल तू सामिल था मेरी किस्मत में,मेरी किस्मत बदल गयी है अब
रस्मे इश्क निभाना छोड़ दूंगा,में सिर्फ तुम्ही को चाहना छोड़ दूंगा.मेरी इतना समझाने पर भी बाज नही आती हो तुम,देखना में तुम्हे एक दिन समझाना छोड़ दूंगा
मेरी खुशबू को हवाओ में उड़ने वाला,लौट के आया नही जाने वाला
अपनी हालात का मुझे ध्यान नही होता है,इश्क सच्चा हो तो आसान नही होता है.खरियत पूंछता है सिर्फ दिखावे के लिए,वो मेरे हाल से अनजान नही है
में जिसकी एक भी सुनता नही था, उसी की ख़ामोशी पर चीखता हूँ. मेरी बेचारगी को ऐसे समझो, मुझे रोना है लेकिन हंस रहा हूँ
कोई अब गली से गुजरता नही है, कोई बंद रखने लगा खिडकियों को. तुम्हे इतनी गैरत तो रखनी थी प्यारे सताना नही था सताए हुए लोगों को
दिल ऐसे मुफतला हुआ तेरे मलाल में, जुल्फे सफ़ेद हो गयी उन्नीस साल में. ऐसे रो रहा था मेरा हाल देखकर, आया हुआ हो जैसे इंतकाल में
मैंने भी अपना वार अजमाया तो रोयेगा, इतनी अजीयत पे मुस्कुराए तो रोयेगा, वो पूंछता है क्या तुम जान भी दे सकते हो मेरे लिए, यार उसे समझाओ मुझे आजमाया तो रोयेगा
उससे मिलना दोबारा मुमकिन नहीं है, दर हकीक़त जिससे किनारा मुम्किन नहीं है. कही दिख जाए अगर बता देना उसको की अब रिश्ता हमारा मुमकिन नही है
खाली रस्ते सताने लगते हैं हमसफ़र याद आने लगते है. जब तेरे पास आने लगते है , लोग बातें बनाने लगते