रंग में भी थोड़े से सांवले थे हम,बचपन के दिनों में बावले थे हम. हालातो ने बुरी तरह तोड़ दिया वरना , मेरी माँ से पूँछ कितने लाडले थे हम
Shubham Bharti
हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शुभम भारती है में पिछले 3 सालों से ब्लोगिंग का काम कर रहा हु में शायरी के प्रति रूचि है इसलिए में आप सबको भी शायरी व् quote से एंटरटेन करना चाहता हूँ