तेरी सीरत साफ शीशे की तरह मेरे दामन में दाग हजारो है मुन्नवर फारुकी की शायरी

 मुन्नवर् फारुकी की VIRAL शायरी

हैलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में पेश है मुनव्वर फ़ारुकी की पॉपुलर शायरी जो इन दिनों इंस्टाग्राम जैसे सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से viral है 👌😚❤

कभी मिलोगी तो सुनाऊंगा  तेरी सीरत साफ शीशे की तरह  मेरे दामन में दाग हजारो है ,  तू नायाब किसी पत्थर की तरह  मेरा उठना बैठना बाजारों में है ,

एक शायरी लिखी है 

कभी मिलोगी तो सुनाऊंगा

तेरी सीरत साफ शीशे की तरह

मेरे दामन में दाग हजारो है ,

तू नायाब किसी पत्थर की तरह

मेरा उठना बैठना बाजारों में है ,

तेरी मौजूदगी का ऐहतराम कर भी लूं

जब होगा रूबरू तो ये जज्बात कहा छुपाउँगा,

एक शायरी लिखी है

कभी मिलोगी तो सुनाऊंगा

एक उम्र लेके आना

में खाली किताब लेके आऊंगा ,

तोड़ कर लाने के वादे नही

में अपनी कलम से सितारे सजाऊंगा ,

मेरी साबर की इंतहा पर शक कैसा.

मेने तेरे आने जाने पे ता उम्र लिखी है ,

जमीन पे कोई खास नही मेरा.

तू एक बार कुबूल कर में अपने गवाहों को आसमान से बुलाऊंगा

एक शायरी लिखी है

कभी मिलेगी तो सुनाऊंगा

कोइ रात गुजारी है इस अंधेरे में,

तुम थोड़ासे नूर ले आओगे.

तेरे तकिये गीले है आसुओ से.

क्या तुम मुझहे अपनी गोद में सुलाओगे,

सुना है बाग है तुम्हारे आंगन में.

मेरे है हासिल बचपन को वो झूला दिखाओगे ,

मेने खोया है अपनी हर प्यारी चीज़ को.

में अपनी किस्मत फिर से आउमाउंगा,

एक शायरी लिखी है

कभी मिलेगी तो सुनाऊंगा

Shubham Bharti

हेल्लो दोस्तों मेरा नाम शुभम भारती है में पिछले 3 सालों से ब्लोगिंग का काम कर रहा हु में शायरी के प्रति रूचि है इसलिए में आप सबको भी शायरी व् quote से एंटरटेन करना चाहता हूँ

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